चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान-3 का सफलतापूर्वक प्रवेश
चंद्र मिशन चंद्रयान-3 तेईस दिनों की यात्रा के बाद सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया है। यह मील का पत्थर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग हासिल करने वाला पहला देश बनने के भारत के प्रयास में एक महत्वपूर्ण कदम है। दरअसल, इस यान ने चार अगस्त को दो-तिहाई दूरी पूरी कर ली। वहीं, एक दिन बाद इसका चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्व प्रवेश हो गया है।
तेईस दिन पहले, चंद्रयान-3 ने पृथ्वी से चंद्रमा की ओर अपनी रोमांचक यात्रा शुरू की। पिछले पांच दिनों से, अंतरिक्ष यान लगातार चंद्रमा के करीब बढ़ रहा है, चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के लिए अपने पथ को सावधानीपूर्वक समायोजित कर रहा है।
गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन : इसरो ने सर्विस मॉड्यूल की प्रोपल्शन प्रणाली का सफल परीक्षण किया
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने तमिलनाडु के महेन्द्रगिरि में स्थित इसरो के प्रोपल्शन कॉम्पलेक्स (आईपीआरसी) में गगनयान की सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन प्रणाली (एसएमपीएस) का सफल परीक्षण किया। राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने एक बयान में कहा कि परीक्षण में 440 न्यूटन थ्रस्ट वाले पांच लिक्विड अपोजी मोटर (एलएएम) (सामान्य रॉकेट इंजन) और 100 न्यूटन थ्रस्ट वाले 16 रिएक्शन नियंत्रण प्रणाली (आरसीएस) थ्रस्टर्स शामिल थे।
इसरो के अनुसार, गगनयान परियोजना का लक्ष्य तीन अंतरिक्ष यात्रियों को तीन दिन के लिए 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर कक्षा में भेजना और फिर उसे भारत की समुद्री सीमा में समुद्र में उतार कर मनुष्य को अंतरिक्ष यात्रा पर भेजने की क्षमता का प्रदर्शन करना है। बयान में कहा गया है कि गगनयान का सर्विस मॉड्यूल दो प्रोपेलेंट पर आधारित प्रोपल्शन प्रणाली है जो ऑर्बिट मॉड्यूल के मानदंडों को पूरा करता है, उसे कक्षा में ले जाने, कक्षा में चक्कर काटने, कक्षा में स्थापित रहने के लिए उसका नियंत्रण करने आदि में सक्षम है।